...

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सदा चुप रहा हूं......।
सताओ मुझे फिर भी कुछ ना कहूंगा,
सदा चुप रहा हूं, ......सदा चुप रहूंगा।

तुम्हें लेके आया था, दुल्हन बनाकर,
रहूं प्यार से कितने सपने सजाकर।
पता क्या था रातों को सो ना सकूं गा।

ना चाही थी तुमसे, कोई यार दौलत,
तेरे प्यार से ही थी , ‌मेरी ये‌ शौहरत।
बताओ में दुनिया से अब क्या कहूंगा।

मिला क्या जो तुमने मुझे यूं सताया,
सुकोमल मेरा मन जो ये सह ना पाया।
तुम्हें क्या खबर , ना जिया ना मरूंगा।

कभी ना रहा दिल में शिकवा किसी से,
हृदय में रखा रब , और मांगा उसी से।
अमर प्रेम उससे , तो पाकर रहूंगा।



© 💕Ss