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धैर्य और अनुशासन से, अपना राष्ट्र बचाना है ....!
देखा नहीं था हमने कभी ,
आज़ादी के परवानों को ,
जो कफ़न बाँध कर निकले थे , शहीद हुए ,
पर, आने वाली नस्लों को वे आज़ाद हवा देकर वे गए ।
सोचो , हम सब में भी तो भगत सिंह , राजगुरु, सुखदेव है खड़ा ,
आज देश पर ही नहीं, मानवता पर संकट आया है ,
क्यों नहीं ,इस अंधकार से लड़ने का दृढ़ संकल्प हो ,जुनून जगाया है !
जिस ईश्वर को हम ढूँढ रहे थे मंदिर ,मस्जिद ,गुरुद्वारों में
वह तो हमारी रक्षा के लिए खड़ा ,हर अस्पताल और चोराहों पर ,
दुश्मन छिपा है! लेकिन ,
स्वयं सुरक्षित रहकर, दूसरों को भी सुरक्षित करना होगा ।
इस मिट्टी की रक्षा के लिए ,
अब यज्ञ सभी को करना होगा ,
जिसे दुनिया हरा न सकी ,
उस संक्रमण की आहुति देकर ,अब जड़ से इसे भगाना होगा ,
धैर्य और अनुशासन से
अपना फ़र्ज़ निभाना होगा ।
माना , यह वक़्त है ,बहुत मुश्किल ,
पर यह धरती है, उन वीरों की ,
जहाँ सवा लाख से एक लड़ा ,
आज फिर इतिहास दोहराना है
धैर्य और अनुशासन से अपना राष्ट्र बचाना है।
परमजीत कौर