...

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रिश्ते
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
दोनो ने दर्द एक सा सहा होगा
ज़माने भर से छुपा कर रखे उस दर्द को
सिसकते सिसकते बँया किया होगा
मैं बिखरुँ तुम समेट लेना
मैं लडखडाऊं तुम संभालना
ऐसा ही वचन लिया और दिया होगा
मैं सह लूँगा ज़माने भर की रुसवाई
तुम बस मेरा हाथ थामे रखना
ये वादा ईश्वर की साक्षी में किया होगा
ऐसे ही कहाँ जुड़ते हैं रिश्ते
कुछ पिछले जन्म में अधूरा रहा होगा
© Garg sahiba