मोम बनकर क्यों जीते हो?.....
क्यूँ मोम बनकर जीते हो ज़माने के लिए
क्यूँ बेचैन हो जाते हो किसी अनजान के लिए
क्या माँ-बाप का मायूस चेहरा नज़र नही आता?
जो परेशान रहते हैं आपकी ज़िंदगी खुशहाल बनाने के लिए।।
क्यूँ मोम बनकर जीते हो ज़माने के लिए
हरबार जलाए जाते हो किसी का दिल बहलाने के लिए
क्या माँ- बाप को भूल जाते हो
जो खुद जलते रहते हैं आपकी ज़िंदगी रौशन बनाने के लिए।।
© Preet......
क्यूँ बेचैन हो जाते हो किसी अनजान के लिए
क्या माँ-बाप का मायूस चेहरा नज़र नही आता?
जो परेशान रहते हैं आपकी ज़िंदगी खुशहाल बनाने के लिए।।
क्यूँ मोम बनकर जीते हो ज़माने के लिए
हरबार जलाए जाते हो किसी का दिल बहलाने के लिए
क्या माँ- बाप को भूल जाते हो
जो खुद जलते रहते हैं आपकी ज़िंदगी रौशन बनाने के लिए।।
© Preet......