चिंता
कल का पता नहीं, भविष्य की चिंता कर बेहटा हूं, आज की फिकर नहीं, खामोखा का टेंशन ले बेहता हूं हा मैं एक इंसान हूं चिंता कर बेहता हूं।
एक ही जिंदगी है, लेकिन विचारो के बंधन में बंद सा होग्या हू कुछ हाज़िल करने का प्रयास करता रहता हूं किंतु नाकामियाबी दस्तक दे जाति है,...
एक ही जिंदगी है, लेकिन विचारो के बंधन में बंद सा होग्या हू कुछ हाज़िल करने का प्रयास करता रहता हूं किंतु नाकामियाबी दस्तक दे जाति है,...