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मेरी अल्हड़ पण्डिताइन 😘
मेरी अल्हड़ सी नादानियां सहन करती हरपल
मुस्कुराकर मेरे इर्दगिर्द घूमती रहेगी हरपल
आँखो से ओझल होने नही देती काजल की तरह
दामन में छुपाए रहेगी छोटी बच्चों की तरह
रूठती है मुझसे जितना पण्डिताइन दिन भर में
हजार गुना प्यार करेगी साँझ होने पर 😘
मेरी अल्हड़ सी नादानियां सहन करती हरपल
मुस्कुराकर मेरे इर्दगिर्द घूमती रहेगी हरपल
© उन्मुक्क्त अनूप
मुस्कुराकर मेरे इर्दगिर्द घूमती रहेगी हरपल
आँखो से ओझल होने नही देती काजल की तरह
दामन में छुपाए रहेगी छोटी बच्चों की तरह
रूठती है मुझसे जितना पण्डिताइन दिन भर में
हजार गुना प्यार करेगी साँझ होने पर 😘
मेरी अल्हड़ सी नादानियां सहन करती हरपल
मुस्कुराकर मेरे इर्दगिर्द घूमती रहेगी हरपल
© उन्मुक्क्त अनूप
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