राष्ट्र - प्रेम
#कफ़न
सूर्य करेगा अगवानी फ़िर चाँद नज़र उतारेगा ।
हर बालक देश की रक्षा हेतु देखो अब हुंकारेगा ।
सर पर होगा कफ़न हमारे हाथ कलावा धारेगा ।
देश की रक्षा हेतु हर बच्चा - बच्चा आयेगा ।
हाथ में लेकर तिरंगा दुश्मन को ललकारेगा ।
जब तक फ़तह नहीं होगी हासिल,
सीमा पर बढ़ता जायेगा ।
राष्ट्र - प्रेम में भारत माँ की बलि वेदी पर चढ़ जायेगा ।
जब तक बेड़ियों से जकड़ी माँ को छुड़ा नहीं पायेगा ।
तब तक सीमा से खाली हाथ वह बच्चा वापस न आयेगा ।
निवेदिता अस्थाना " किरण "
सूर्य करेगा अगवानी फ़िर चाँद नज़र उतारेगा ।
हर बालक देश की रक्षा हेतु देखो अब हुंकारेगा ।
सर पर होगा कफ़न हमारे हाथ कलावा धारेगा ।
देश की रक्षा हेतु हर बच्चा - बच्चा आयेगा ।
हाथ में लेकर तिरंगा दुश्मन को ललकारेगा ।
जब तक फ़तह नहीं होगी हासिल,
सीमा पर बढ़ता जायेगा ।
राष्ट्र - प्रेम में भारत माँ की बलि वेदी पर चढ़ जायेगा ।
जब तक बेड़ियों से जकड़ी माँ को छुड़ा नहीं पायेगा ।
तब तक सीमा से खाली हाथ वह बच्चा वापस न आयेगा ।
निवेदिता अस्थाना " किरण "