कलम: एक ताकत
में सीधी सी, लिखती रहती,
हर एक जुबां बेबाक से,
सोच हो, व्यवहार हो या हो,
कोई मंजर इतफ़ाक़ सा,
लिखती सभी एक भाव से |
रंगों से में कुश्ती लड़ती,
जीती हर एक बाजी को,
हुनर निखारती रहती हरदम,
संग...
हर एक जुबां बेबाक से,
सोच हो, व्यवहार हो या हो,
कोई मंजर इतफ़ाक़ सा,
लिखती सभी एक भाव से |
रंगों से में कुश्ती लड़ती,
जीती हर एक बाजी को,
हुनर निखारती रहती हरदम,
संग...