...

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चांदनी बिछी जमीं पर
अब तो आ गई है।
चांदनी जमीं पर।
आओ चले खेले सनम..
खुल के मस्ती में झूमकर।


थोड़ा हो जाएगा वहा पर प्यार।
और भूली बिसरी दिल की बातें।
तन्हा रहेंगे हम दोनों इसी चांदनी में।
खुशी- खुशी कट जाएगी राते।


जो होगी दिल की बातें।
आज वहां बयां कर देंगे।
खुली जो तेरी काली जुल्फे।
चांद तारो से सजा देंगे।


बिछी है जो चमक चांदनी।
राह वो देख रही होगी।
देर मत करो सनम, आज दिन है रविवार।
चलो चल के नहा ले, जवान चांदनी होगी।


ना कोई डर है ना ही कोई आएगा।
क्या खुदा ने दोनों के लिए, भेजा है चांदनी को।
मत बढ़ाओ यारा बाते करते- करते।
लंबी हो जाएगी कहानी को।


हम डूब गए इतनी सी चमक देखकर।
जब दोनों साथ में होंगे, कितनी खुशी छाएगी।
ओढ़ लेंगे चांदनी की आंचल।
तेरे दामन में जब होंगे हमें सुरूर छाएगी।।



© All Manoj Kumar