...

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जंजीर

इन जंजीरों को तोड़कर,
रुख हवा का मोड़कर,
चल रहे हैं देखो हम,
कहेना मान कर अपने दिल का,
करने जा रहे को मन ने थाना हे,
अब नही सहेंगे दुनिया के इन जुल्मों को,
अब तो बस...