महलो की रानी
....वो महलो की रानी थी .......
यही हमारे इश्क़ की अधूरी कहानी थी।
मैं झोपड़ी का शहजादा वो महलों की रानी थी॥
मैं प्यार में उसके पागल था वो भी शयानी थी।
मैं मशरुफ़ था उसके इश्क़ में वो भी हुई दीवानी थी॥
वो पायल जो छनकाती वो मेरी दी हुई निशानी थी।
थी उसके पास करोड़ो की मरसिडीज अपनी साइकिल भी पुरानी थी॥
अचानक बहा ले गई मेरी मोहब्बत को वो तबाही की सुनामी थी।
सबकुछ बह...