जिंदगी के सवालो में उलझी
ज़िन्दगी के सवालो में उलझी नारी,
खुद के खुशियों को समर्पण कर देती!
कभी समाज़ की बनाई रूढ़ि सोच के,
आगे अपने सपनों का गला घोट देती!
परिवार के मान, मर्यादा,प्रतिष्ठा...
खुद के खुशियों को समर्पण कर देती!
कभी समाज़ की बनाई रूढ़ि सोच के,
आगे अपने सपनों का गला घोट देती!
परिवार के मान, मर्यादा,प्रतिष्ठा...