dhaag ki peeda (awake women)
ओ श्वेत वर्ण के पवित्र दामन
क्यों है हताश और निराश तू
काहे अश्रु बहा पेहला रहा अपने दाग़ को
क्या ज्ञान नही तुझे
जो दामन श्वेत और पवित्र हो
उसपे ही मनुज करे सितम
अगर काला और अशुद्धि से भरा है तो
कुछ भी नही होगा तेरा मोल
यह मत ससझ ना,तू मलीना हो गया
अमूल्य प्रशमसीय है तू,इसलिए तेरा मोल
बचे श्वेत दामनो के बीच अद्वितीय है तेरा मोल
वो श्वेत वर्ण के दामन
लेकिन दाग़ को मिटाना ज़रूर तू
ईंट का जवाब पत्थर से देना सीखना ज़रूर तू
अपने हख के लिए लड़ना सिखना
वर्ना तेरी भी गिनती उन काले अशुद्ध दामन में
हो चलेगी इसका खयाल ज़रूर रखना तू
वो श्वेत वर्ण के दामन न होना कभी हताश तू
जीवन एक संघर्ष है तो क्या जो जितना
जला उतना सूर्य की भांति उजागर हुआ
वो श्वेत वर्ण के पवित्र दामन कभी न होना हताश तू
© All Rights Reserved
क्यों है हताश और निराश तू
काहे अश्रु बहा पेहला रहा अपने दाग़ को
क्या ज्ञान नही तुझे
जो दामन श्वेत और पवित्र हो
उसपे ही मनुज करे सितम
अगर काला और अशुद्धि से भरा है तो
कुछ भी नही होगा तेरा मोल
यह मत ससझ ना,तू मलीना हो गया
अमूल्य प्रशमसीय है तू,इसलिए तेरा मोल
बचे श्वेत दामनो के बीच अद्वितीय है तेरा मोल
वो श्वेत वर्ण के दामन
लेकिन दाग़ को मिटाना ज़रूर तू
ईंट का जवाब पत्थर से देना सीखना ज़रूर तू
अपने हख के लिए लड़ना सिखना
वर्ना तेरी भी गिनती उन काले अशुद्ध दामन में
हो चलेगी इसका खयाल ज़रूर रखना तू
वो श्वेत वर्ण के दामन न होना कभी हताश तू
जीवन एक संघर्ष है तो क्या जो जितना
जला उतना सूर्य की भांति उजागर हुआ
वो श्वेत वर्ण के पवित्र दामन कभी न होना हताश तू
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