...

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तुम्हारी याद
तुम्हारी याद बहुत आती है सर्द रात को और भी सर्द बनाती है,,
तुम्हारी याद बहुत आती है।।

बारिश की बूंदे जब बरसती है मेरी रूह को तेरी यादे छूकर गुजर जाती है,,
तुम्हारी याद बहुत आती हैं।।

बारिश की बूंदे बेशक मेरे जिस्म को छुआ करती है मगर रूह तक को पवित्र किया करती है,,
तुम्हारी याद बहुत आती है।।

मेरी सारी आदतें जो थोड़ा तुमको पसंद नहीं थी आज सुधर जाती है,,
तुम्हारी याद बहुत आती है।।

कभी कभी जो मिलते थे हम दोनों उस तालाब के किनारे मुलाकाते याद आती है,,
तुम्हारा याद बहुत आती हैं ।।

चलते चलते जो तुम किया करते थे मुझसे हज़ारों बाते वो हाथ थाम कर वो बाते याद आती है,,
तुम्हारी याद बहुत आती हैं।।

मेरे मरने की बात पर हो जाते थे तुम उदास और गले लगा लिया करते थे वो गले से मिलने की खुशी याद आती हैं,,
तुम्हारी याद बहुत आती हैं।।


©Yachika Prajapati
© profoundwriters