tanhaai
मैने भटकते देखा है
मेरी तन्हाई को तन्हा कहीं
मेरी खामोशीं में खामोशीं कम
तेरी यादें ज्यादा हैं
क्यों ना हो
हाथो की लकीरें बेबस मेरी
मेरे हीस्से ये जमीं कम
वो आसमां ज्यादा हैं...
मेरी तन्हाई को तन्हा कहीं
मेरी खामोशीं में खामोशीं कम
तेरी यादें ज्यादा हैं
क्यों ना हो
हाथो की लकीरें बेबस मेरी
मेरे हीस्से ये जमीं कम
वो आसमां ज्यादा हैं...