ना मुझे याद करो...
ना मुझे याद करो,
ना ये फरियाद करो,
हाथों की लकीरों पर अब तो ऐतबार करो...
न साथ ये अब मुमकिन
ऐसी उम्मीद ना करो
ना मुझे याद करो,
ना ये फरियाद करो...
एक दिली अब कहाँ
क़ुरबत भी अब ख़ाक...
ना ये फरियाद करो,
हाथों की लकीरों पर अब तो ऐतबार करो...
न साथ ये अब मुमकिन
ऐसी उम्मीद ना करो
ना मुझे याद करो,
ना ये फरियाद करो...
एक दिली अब कहाँ
क़ुरबत भी अब ख़ाक...