...

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खुद से बातें
#दर्पणप्रतिबिंब
ऐ दर्पण तू क्यों मुझे घूरे जा रहा है,
करनी है तुझसे कुछ बातें ऐसी,
जो सिर्फ तेरे और मेरे बीच में होंगी,
इतना ना इतरा अपने हुस्न पे एक दिन
टूट जाना है हम तुम को, खुद को खुद से
मिलाने आए हैं चल पहचाने खुद को।

ऐ दर्पण तू मुझे कितना खूबसूरत दिखा रहा है,
क्यों खुद पर इतरा रहा है सूरत तो मेरी मुझे दिखा रहा है ना जाने ख़ुद को क्यों खूबसूरत समझ रहा है आंखें तो बंद मैं करती हूं तू क्यों tukur tukur देख रहा है, दर्पण मुझे क्यों आइना दिखा रहा है भावनात्मक विचार क्यों आ रहा है!
करते हैं सब तुझसे बातें क्यों सब की बातें छुपा रहा है?

सब अपने प्रतिबिंब से बातें करते,
खुद को जानते खुद को पहचान ते,
और आइना खड़ा खड़ा सब को देख रहा है।
© Puja Panchal