मैं
मैंने,
दो प्रेमियों का प्यार लिखा
मन आघात कई बार लिखा
विरह का उदगार लिखा
कविताओं का अंबार लिखा
परजन से संयोग लिखा
अपनों का अभियोग लिखा
सुख व दुःख का भोग लिखा
माँ-बाप का कर्मयोग लिखा
मैं,
इक छोटी सी आस लिखूँ
मन में ईश का वास लिखूँ
जीत की पहली प्यास लिखूँ
या हार...
दो प्रेमियों का प्यार लिखा
मन आघात कई बार लिखा
विरह का उदगार लिखा
कविताओं का अंबार लिखा
परजन से संयोग लिखा
अपनों का अभियोग लिखा
सुख व दुःख का भोग लिखा
माँ-बाप का कर्मयोग लिखा
मैं,
इक छोटी सी आस लिखूँ
मन में ईश का वास लिखूँ
जीत की पहली प्यास लिखूँ
या हार...