...

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हाँ मैं एक लड़की हूँ।
हां मे एक लडकी हूँ ,
इसलिए लडती हूँ।
क्यू मुझे हर बात पे
टोका जाता है।
अपने अनुसार जीने
से रोका जता है।
मेरे सारे आरमानो
को जला दिया।
कॉपी कलम छीन
मुझे दुल्हन बना दिया।
घर पर  बाबा की
बातो पर गौर करो।
और पति कहता है
मेरी बातें मत इग्नोर करो।
माँ कहती है हमारे घर
तू सिर्फ एक महमान हैं।
सिर पर दुपट्टा पैरो मे
जंजीर ही तेरी पहचान है।
मेरी सास के मुझे लेकर
अलग ही अरमान हैं।
उन्हे लगता हैं बच्चा पैदा
करना मेरा पहला काम है।
हां हूँ !मे एक लड़की तो क्या?
मेरे कोई सपने नही,
इतनी बड़ी दुनिया मे क्या ??
मेरा कोई अपना नही।
इस दुनिया की लगाई
आग मे मैं दिन रात जलती हूँ।
मैं एक लड़की हूँ।
इसलिए लड़ती हूँ।।।।।


© Manishaakshetry