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विजय पताका लहरा
*विजय पताका लहरा*

जीवन है एक खेल, बिना रुके ये चलता
खेलने वाला अपना, दांव जरूर बदलता

जीवित रहने तक, ये खेल खेलना पड़ता
सांसे रुक जाए तो, खेल से जाना पड़ता

खेल में रहने तक, खेलो इसे जी भरकर
खेलना मत छोड़ो, मैदान में तुम उतरकर

जीत उसे मिलेगी, जो...