जागता दिन
न पूछ क़िस्मत से तू बंदे,
क्या रज़ा उसकी तेरे लिए,
तू करके दिखा कमाल ऐसा,
क़िस्मत खुद ही तेरी...
क्या रज़ा उसकी तेरे लिए,
तू करके दिखा कमाल ऐसा,
क़िस्मत खुद ही तेरी...