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श्रद्धांजलि - सुशांत सिंह राजपूत
श्रद्धांजलि अर्पित करते तुम्हें,
जो चिर निद्रा में लीन हो गए,
घर परिवार गमगीन हो गए।
स्मरण आता है अब भी,
वह मुस्कुराता हुआ चेहरा तेरा,
था किस बात का इतना तनाव ,
जो बना दिया जीवन को अंधेरा।
छिछोरे कभी हार नहीं मानते
कहा करते थे तुम,
अब इस बात पर भी यकीन नहीं,
इतनी आसानी से हार कैसे मान लिया,
अपना अस्तिव ही समाप्त कर दिया।
संघर्ष किया जो तुमने है,
है साक्षी उसका ये समाज,
क्यू काल के मुख में चले गए
है प्रश्न खड़ा होता ये आज।
हे! प्रभु इनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और
इसने प्रियजनों तथा परिवार को ये कष्ट सहन
करने की शक्ति प्रदान करे।
-@Kavyaprahar
जो चिर निद्रा में लीन हो गए,
घर परिवार गमगीन हो गए।
स्मरण आता है अब भी,
वह मुस्कुराता हुआ चेहरा तेरा,
था किस बात का इतना तनाव ,
जो बना दिया जीवन को अंधेरा।
छिछोरे कभी हार नहीं मानते
कहा करते थे तुम,
अब इस बात पर भी यकीन नहीं,
इतनी आसानी से हार कैसे मान लिया,
अपना अस्तिव ही समाप्त कर दिया।
संघर्ष किया जो तुमने है,
है साक्षी उसका ये समाज,
क्यू काल के मुख में चले गए
है प्रश्न खड़ा होता ये आज।
हे! प्रभु इनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और
इसने प्रियजनों तथा परिवार को ये कष्ट सहन
करने की शक्ति प्रदान करे।
-@Kavyaprahar
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