कुछ गुलाब किताबों के नाम.....
आज फिर वो किताबे खुली,
जिसमें मोहब्बत के इंतेहा का गुलाब था,
यादों के इत्र की महक थी,
अश्कों से लिखे अल्फाज़ थे,
कांच सा बिखरा दिल था,
अधूरी सी धड़कन थी,
मोहब्बत वाला जाम था,
एक रंगीन इश्क़ वाला नशा था,...
जिसमें मोहब्बत के इंतेहा का गुलाब था,
यादों के इत्र की महक थी,
अश्कों से लिखे अल्फाज़ थे,
कांच सा बिखरा दिल था,
अधूरी सी धड़कन थी,
मोहब्बत वाला जाम था,
एक रंगीन इश्क़ वाला नशा था,...