सूना मैदान
सूना लगता है वो मैदान भी अब जहां पूरा दिन गुजर जाता था
पहले प्यार सा था ये क्रिकेट जो सपने ही सपने ही दिखाता था
कोई था छोटा तेंदुलकर कोई खुद सहवाग कहलाता था
नेहरा जहीर बालाजी सा भी हर कोई बनना चाहता था
हर लेफ्टी कप्तान गांगुली था हर कीपर था महेंद्र सिंह जैसा
हर फिरकी गेंदबाज खुद को कहता था हरभजन सिंह जैसा
ओपनिंग करेगा कौन ये बस खेल पे नहीं होता था
लगता था पैसा मैच में जिसका वही ओपनर होता था
और कप्तान भी हर बार हमारा इस बात पे बदल जाता था
जिसका पैसा ज्यादा लगा वही कप्तान बन जाता था
कभी-कभी...
पहले प्यार सा था ये क्रिकेट जो सपने ही सपने ही दिखाता था
कोई था छोटा तेंदुलकर कोई खुद सहवाग कहलाता था
नेहरा जहीर बालाजी सा भी हर कोई बनना चाहता था
हर लेफ्टी कप्तान गांगुली था हर कीपर था महेंद्र सिंह जैसा
हर फिरकी गेंदबाज खुद को कहता था हरभजन सिंह जैसा
ओपनिंग करेगा कौन ये बस खेल पे नहीं होता था
लगता था पैसा मैच में जिसका वही ओपनर होता था
और कप्तान भी हर बार हमारा इस बात पे बदल जाता था
जिसका पैसा ज्यादा लगा वही कप्तान बन जाता था
कभी-कभी...