...

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【💔●∆ आओ आओ आकर देखो ∆●💔】
आओ आओ आओ आकर देखो,
मेरे ज़ख्मों पे हाथ लगाकर देखो।

मुझको तन्हाई कैसे सता रही है,
निग़ाहों को ज़रा उठाकर देखो।

आओ आओ आओ आकर देखो,
तुमभी गमपे तालियाँ बजाकर देखो।

एक शायर का जनाज़ा उठने वाला है,
एक दो नही सब भीड़ लगाकर देखो।

जिसपे मरा मैं वो दिल चीर गया,
करके दग़ा मुझसे मेरा हीर गया।

अब रात कितनी मुश्किल है और
हर दिन कितना भारी होता है जरा,

तुम भी इश्क़ में धोखा खाकर देखो,
आओ आओ आओ आकर देखो,

बिखरा शायर
💔💔💔💔

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