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कामुक रात
हद से ज्यादा है कामुकता सिसकियां निकलती आहें भी, चेहरे पर झलके प्यास बहुत हैं झुकी झुकी सी निगाहें भी...
दम जितना है सब आज लगा अपने अंदर की आग🔥लगा, मेरा भरा बदन भर जोश में तू कहती हैं यही की राहें भी!!!
यह भरा बदन का बोझ हटा थोड़ा पकड़े जो है लटका, हम सब सह लेंगे दर्द आज चाहे जितना बड़ा झटका...
कामायनि उलझी काम में इतना लाज हया बन गयी सपना, कामुक रस की बौछारों से खुद गीली हो जाएं बौछारें!!!
© आंचल_की_कलम
दम जितना है सब आज लगा अपने अंदर की आग🔥लगा, मेरा भरा बदन भर जोश में तू कहती हैं यही की राहें भी!!!
यह भरा बदन का बोझ हटा थोड़ा पकड़े जो है लटका, हम सब सह लेंगे दर्द आज चाहे जितना बड़ा झटका...
कामायनि उलझी काम में इतना लाज हया बन गयी सपना, कामुक रस की बौछारों से खुद गीली हो जाएं बौछारें!!!
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