फुर्सत
फुर्सत ना मिले उनको अपने कामों से
काम बड़े हो गए इन इंसानों के।
अपनों पर ध्यान ना देते, कामों से प्यार इन्हे
इतना भी क्या काम जो खाना भी ना ध्यान इन्हे।
काम करते-करते भूल गए वो अपनों को
ध्यान नहीं दिया उन बदलते हुए लम्हों...
काम बड़े हो गए इन इंसानों के।
अपनों पर ध्यान ना देते, कामों से प्यार इन्हे
इतना भी क्या काम जो खाना भी ना ध्यान इन्हे।
काम करते-करते भूल गए वो अपनों को
ध्यान नहीं दिया उन बदलते हुए लम्हों...