एक सपना देखा
सुबह सुबह एक सपना देखा,जिसमे सब कुछ अपना देखा।
दूर नही अपने करीब देखा,चाहत का नया स्वरूप देखा।
आखों में अपनापन देखा,होठों पर वही मुस्कान देखा।
मुझे सहारा देते...
दूर नही अपने करीब देखा,चाहत का नया स्वरूप देखा।
आखों में अपनापन देखा,होठों पर वही मुस्कान देखा।
मुझे सहारा देते...