...

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आगे बढ़े कि पिछड़ते चले गए
खो दिया है बचपन, खो गए वो पल
भूलती नहीं हैं यादें,नहीं भूलता कल
बड़े बड़े सपने छोटी-छोटी आंखों के
बड़े गहरे घाव है छोटी-छोटी चोटों के

दादा दादी - नाना नानी कैसे अपने थे
बचपन की यादें नहीं, हसीन सपने थे
बड़े हुए हम, जाने कितने बखेड़े हो गए
मासूम थे, जिम्मेदारियों के लफेड़े हो गए

दादा दादी नाना नानी सब हम खो गए
नए रिश्ते बनते गए पुराने जुदा हो गए
जुदाई के गम में पलते बड़े आ रहे हैं हम
कामयाब हों, हर जोखिम उठा रहे हैं हम

संयुक्त...