सड़क
आधा सड़क सरकार का,
आधा सड़क निर्माणकार का;
आधा सड़क बेघर यार का,
जाम लगे बेकार का।
निकलने ने की जगह नहीं है,
जनता सारी फँसी पड़ी है,
गर्मी भी पड़ रही है,
सड़क पर कीचड़ सड़ रही है।
घेरे रास्ता ठेले वाले,
नहीं ढके हैं गंदे नाले,
लोग हो रहे हैं परेशान,
धूप में कर रहे हैं विश्राम।
झुग्गी वालो बता रहे हैं,
अपना अधिकार जाता रहे हैं,
सरकारी संपत्ति उनका स्थान,
नहीं हटेंगे वे श्रीमान।
क्यों ये जाम लगाते हैं,
सड़क घेर के बैठे जाते हैं,
सरकारी संपत्ति को यह लोग,
अपना अधिकार जताते हैं।
@himanichaudhry
#society
#bharat
#india
© All Rights Reserved
आधा सड़क निर्माणकार का;
आधा सड़क बेघर यार का,
जाम लगे बेकार का।
निकलने ने की जगह नहीं है,
जनता सारी फँसी पड़ी है,
गर्मी भी पड़ रही है,
सड़क पर कीचड़ सड़ रही है।
घेरे रास्ता ठेले वाले,
नहीं ढके हैं गंदे नाले,
लोग हो रहे हैं परेशान,
धूप में कर रहे हैं विश्राम।
झुग्गी वालो बता रहे हैं,
अपना अधिकार जाता रहे हैं,
सरकारी संपत्ति उनका स्थान,
नहीं हटेंगे वे श्रीमान।
क्यों ये जाम लगाते हैं,
सड़क घेर के बैठे जाते हैं,
सरकारी संपत्ति को यह लोग,
अपना अधिकार जताते हैं।
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