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होनी को कौन टाल सका है
होनी कौन टाल सका
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विधना का लिखा कहां कोई टाल पाता है,वरना राम रावण युद्ध टाल दिया जाता।
जो होता कल्याण हमेशा व्यक्ति के कर्म में तो धृष्ट की धृष्टता को क्षमा किया जाता।

जो ना जाती जानकी साथ रावण के तो जगत से पाप और पापियों का उद्धार कैसे होता,
जो ना होती मित्रता सुग्रीव से राम की तो सुग्रीव संग न्याय,सीता मां का पता कैसे लगता।

जो ना रखती ओट तृण नेत्र के,तो वो महाज्ञानी वहीं उसी समय ओट मौत के हो जाता,
ना टूट पाता भ्रम इंद्रजीत का,ना बनता उदाहरण असुरों का संहार भी नहीं फिर हो पाता।

जो अहंकार ना होता दशानन को, तो सोने की लंका ना गंवाता,ना अपकीर्ति फैलती,
ना त्रिजटा को दर्शन हो पाते विष्णु के, ना विभीषण को राम की शरण मिल पाती।

जो बालि ना करता सुग्रीव अपने भ्राता संग अन्याय, तो राम को अपयश नहीं मिलता
कुंभकर्ण,अक्षय कुमार जैसे योद्धाओं की मृत्यु होती,ना विभीषण घर भेदी कहा जाता।

आकांक्षा मगन “सरस्वती”

#सरस्वती
#जय_श्री_राम
© ~ आकांक्षा मगन “सरस्वती”