ख्याल
ख़्याल
हज़ूर इतनी सी खवाइश है कि ख़्याल का भी ख़्याल रखना,
न शिकवा करना गिला करना ख़्याल में ही ख़्याल रखना।
जो न हो मुलाक़ात हक़ीक़त में ख़्याल में ही मुलाक़ात रखना,
वतन के लिए निकला है क़ाफ़िला ख़्याल में भी दुआ करना।
ज़ख़्म हो या बहती हो खू की धारा ख़्याल में भी यह ख़्याल न करना,
इतना हसीन हो...
हज़ूर इतनी सी खवाइश है कि ख़्याल का भी ख़्याल रखना,
न शिकवा करना गिला करना ख़्याल में ही ख़्याल रखना।
जो न हो मुलाक़ात हक़ीक़त में ख़्याल में ही मुलाक़ात रखना,
वतन के लिए निकला है क़ाफ़िला ख़्याल में भी दुआ करना।
ज़ख़्म हो या बहती हो खू की धारा ख़्याल में भी यह ख़्याल न करना,
इतना हसीन हो...