बदलता हुआ बक्त
बदलते बक्त ने मुझे ऐसा बदला
की मैं खुद को ही भूल गया
भूल कर हम अपने आप को
दोखा ज़माने को देने लगे
ना याद कर अपने आप को
ज़माने को याद करने लगे
गया...
की मैं खुद को ही भूल गया
भूल कर हम अपने आप को
दोखा ज़माने को देने लगे
ना याद कर अपने आप को
ज़माने को याद करने लगे
गया...