जीवन और जिंदगी"
पाकर के तो सब हंसते हैं खोकर कर भी जो नर मुस्काये,
है असल जिंदगी उसकी ही जो दोनों में घुल-मिल जाये।
वैसे तो यह जीवन बिल्कुल है खारा पानी ही लगता,
जितना ही आगे बढ़ो कि वह उतना ही है गहरा दिखता।
जीवन में पाकर भी खोता है खोकर भी ज्यादा मिलता,
जीवन में सुख-दुख का ही है, होता सबसे करीब रिश्ता ।
जीवन है कागज की कश्ती आगे तो गहरा पानी है,
हमको तो मालूम है होता जीवन की यही निशानी है।...
है असल जिंदगी उसकी ही जो दोनों में घुल-मिल जाये।
वैसे तो यह जीवन बिल्कुल है खारा पानी ही लगता,
जितना ही आगे बढ़ो कि वह उतना ही है गहरा दिखता।
जीवन में पाकर भी खोता है खोकर भी ज्यादा मिलता,
जीवन में सुख-दुख का ही है, होता सबसे करीब रिश्ता ।
जीवन है कागज की कश्ती आगे तो गहरा पानी है,
हमको तो मालूम है होता जीवन की यही निशानी है।...