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जीवन और जिंदगी"
पाकर के तो सब हंसते हैं खोकर कर भी जो नर मुस्काये,
है असल जिंदगी उसकी ही जो दोनों में घुल-मिल जाये।
वैसे तो यह जीवन बिल्कुल है खारा पानी ही लगता,
जितना ही आगे बढ़ो कि वह उतना ही है गहरा दिखता।
जीवन में पाकर भी खोता है खोकर भी ज्यादा मिलता,
जीवन में सुख-दुख का ही है, होता सबसे करीब रिश्ता ।
जीवन है कागज की कश्ती आगे तो गहरा पानी है,
हमको तो मालूम है होता जीवन की यही निशानी है।
कुछ खोना है कुछ पाना है जीवन तो आना-जाना है,
रो-रो कर या हंस-हंस कर ही जीवन तो यहीं बिताना है।
कुछ मिल जाते जग में अपने कुछ होते बहुत पराये हैं
दुनियादारी है बहुत जगत में, जीवन भर धोखे खाये हैं।
ज्यादातर स्वार्थ के भूंखे ,कुछ होते बहुत अनोखे हैं,
कुछ लोग बहुत अच्छे होते, ज्यादातर देते धोखे हैं।
मुस्काना तुम जो सीख गये ,तो दुख कभी ना आएगा।
गम पीना सीखो जो तो ,जीना भी सरल हो जाएगा।
दुख कभी महसूस न हों जीवन में सुख ही सुख आये
चाहे कुछ भी कहता कोई हर समय रहो जी मुस्काये।
पाकर के तो सब हंसते हैं खोकर भी जो नर मुस्काये।
है असल जिंदगी उसकी ही जो दोनों में घुल-मिल जाये।।