कोई नही एक सा यहाँ,,
बदलता समा, बदलता ये आसमाँ,
रहता नही कोई एक सा यहाँ,
जो मिला है या वो बढ़ जाएगा,
या वो मिट जाएगा,
खोने का डर भी खोने सा लगता है,
जब उम्मीदें टकराकर वापस आ जाया
करती है,
ख़ुद से ही जब जुदा...
रहता नही कोई एक सा यहाँ,
जो मिला है या वो बढ़ जाएगा,
या वो मिट जाएगा,
खोने का डर भी खोने सा लगता है,
जब उम्मीदें टकराकर वापस आ जाया
करती है,
ख़ुद से ही जब जुदा...