मोहलत
खुद से कोई हमदर्दी बची ही नहीं
खुद ही खुद का दिल तोड़ देता हूँ
रोज़ाना खुद को एक और दिन की
मोहलत देकर छोड़ देता हूँ
खुद की गलतियाँ ढूंढने को
अक़्स निहार लेता हूँ खुद का
रूठ...
खुद ही खुद का दिल तोड़ देता हूँ
रोज़ाना खुद को एक और दिन की
मोहलत देकर छोड़ देता हूँ
खुद की गलतियाँ ढूंढने को
अक़्स निहार लेता हूँ खुद का
रूठ...