नई शुरुआत...(ख़्याल)
है ग़म आज तो कल खुशियां भी होगी,
कहीं धूप खिलेंगी कहीं बरसात होगी।
मुसाफ़िर हैं हम, मुसाफ़िर हैं वो,
कहीं न कहीं तो मुलाकात होगी।
यह राहें भी चलेंगी साथ हमारे,
सफ़र में...
कहीं धूप खिलेंगी कहीं बरसात होगी।
मुसाफ़िर हैं हम, मुसाफ़िर हैं वो,
कहीं न कहीं तो मुलाकात होगी।
यह राहें भी चलेंगी साथ हमारे,
सफ़र में...