जुदाई कैसी होती है
पूछे जो कोई मुसलसल उदासी कैसी होती है,
मैं कहती हूंँ कि उसके मिल के भी ना मिलने जैसी होती है।
पूछे जो कोई याद कैसी होती है,
मैं कहती हूँं कि पल-पल मर मर कर जीनेजैसी होती है।
पूछे जो कोई उस बिन जीना कैसा होता है,
दोज़ख (नरक)जैसा तो नहीं मगर उससे कम भी नहीं होता है।
पूछे जो कोई आँसू कैसे होते हैं,
...
मैं कहती हूंँ कि उसके मिल के भी ना मिलने जैसी होती है।
पूछे जो कोई याद कैसी होती है,
मैं कहती हूँं कि पल-पल मर मर कर जीनेजैसी होती है।
पूछे जो कोई उस बिन जीना कैसा होता है,
दोज़ख (नरक)जैसा तो नहीं मगर उससे कम भी नहीं होता है।
पूछे जो कोई आँसू कैसे होते हैं,
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