...

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इस हिसाब से तो।
तुझे याद करते करते
खुद को भूल चुके हैं हम।
तेरे इंतजार में कब के
सूख चुके हैं हम।
अब आती नहीं है खुशबू
सूखे गुलाब से तो।
ना जाने कितनी बची है जिंदगी
इस हिसाब से तो।
© वरदान