...

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चांद
"क्या बात है।''
आज तो तेरा नुर बडाही निखर आया है,
जनाब हम तो रोज ही निखर आते है;
आपको आज उससे
फुरसत मिली है,
क्या बात है? आज
आपका चाँद काहाँ है.....
मैं तो वही चाँद हू जो
रोज आपके सिरहाने मे हैं,
आपके चाँद को मुँह- अपना
कर निकल जाता...