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हे ईश्वर तेरा आज के दिन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद है।🙏😊
कुछ पढ़ने का मन करता है तो कभी चहकने का मन करता है कभी दूर वादियों के पहाड़ों के ऊपर ही जाना होता हैं। कभी चांद की कल्पना में मुस्कुराना होता है।
ये दिल की बात है शायद किसी को समझ में आएगी। कुछ जिक्र किस्सों का आता है कभी गीत गुनगुनाते हैं यह दिल मेरा न जाने मुझे क्या क्या रंग दिखाता है।
दुःख होते तो बहुत है न जाने यह पल कहां से आते हैं जहां सब कुछ मीठा सा है बस अकेले में ही मुस्कुराते हैं।

आज मैंने अपनी चिंता को मैंने चिता को ही दे दिया है की सारी चिंता तूने क्या कुछ छीना आज तू ही जल जा मुझे मुस्कुराने दे क्या है ना मुझे अब तेरी चिंता भी नहीं चिंता तू यूं ही जल जाए जो लोगों को जलाती हैं आज थोड़ा मुस्कुराने दे।

सभी नदियों के सफर पर जाना होगा कभी किनारो से बैठकर, चिड़ियों का शोर सुनेंगे
एक रोज हमको आसमान में उड़ेंगे।

तो क्या हुआ कि सपना पूरा ना होगा ,
हमने तो अपने सपनों को इस सपने में ही पूरा कर दिया।

जाने कैसा सुकून है यह न जाने कैसा करार है बांटने का दिल करता भी है पर न बांटने पर भी नहीं हो रहा है ।

दिल करता है कि दिल बस इस दिल में डूब के जाऊं, और कभी फिर बाहर वापस ना आए यह ख्याल है कुछ और तो नहीं जहां जीवन खत्म हो रहा है क्या शुरुआत हो रही है। कुछ समझ नहीं आ रहा यह कैसा एहसास है।

शायद खुद से खुद का यह प्यार है मुझे चेहरे पर एक मुस्कान बिखरे हैं तो आत्मा में एक ठंडक दिए जा रहा है।

इन शब्दों पर मैं आप क्या जाऊंगी तेरे दिल के हर हाल बयां करने के लिए कोई शब्द भी नहीं है बस जो है जैसा है, लिखता ही जा रहा है।

शायद मेरा दिल आज मुझे भी बात कर रहा है, मुझसे बात करना चाहूंगी पर इसे कहना भी होगा काम बहुत है थोड़ा तो ठहरना होगा।

मै भले ही तुझसे बात न करूं मेरे मेरे सीने में यूंही धड़कते रहना। तू मेरा है मुझसे दूर कहां रह पाएगा कहीं और न जाना मुझे तुझसे ही प्यार है तू ही मेरा सच्चा यार है।

क्योंकि तुम कभी किसी का हुआ नहीं चाहता मैं कभी किसी के चेहरे की उदासी को पसंद करता है उदास इंसान देखकर तू उदास हो जाता है
पर मत उदास हुआ कर उनके पास भी उनका दिल है।

आखिर उदास होने के लिए तेरे पास कितनी जिंदगी है रोनेे के लिए भला कितनी जिंदगी है।
जब तेरे जीवन की डोर खींच ली जाए तभी तुझे उसी पल जाना होगा।
वो पल कब होगा या आज या कल होगा।

तो ये दिल भूल जा जो गया वो गया जो है वो अनन्त है। जो तेरा छोड़ के गया इस जहां से वो आज भी तुझमें है । फिर क्यों तू परेशान है ।
तेरे अपने को तेरे अंदर जीने दे।

क्या पता जब तू मिले रब के यह उससे उसे
शिकायत न हो की तूने उसे खुद के अंदर भी
नहीं जीने दिया। रब ने उसे जल्दी बुलाया तो
तूने अपने दिल की दुनिया में भी जिंदा न रखा।

अंत में मैं ठहर गई हुं एक दरिया सी इसमें
कुछ तो खास है , हे ईश्वर तेरा आज के दिन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद है।🙏😊

© Aarti kumari singh