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दीदार की ख़्वाहिश...! 📝
आंखें खोलें तो दीदार तुम्हारा होना चाहिए,
अगर करे बंद तो स्वप्न तुम्हारा होना चाहिए,
हमें मरने के लिए हर लम्हा मंज़ूर है,
बस कफ़न के बदले आँचल तुम्हारा होना चाहिए।

तुझे आँखों के सामने रखने की कोशिश करता रहता हूँ,
कोई कर न ले साज़िश तुझे चुराने की इस बात से डरता रहता हूँ,
तुझे आँखों के सामने रखने की कोशिश करता ही रहता हूँ,

खुश तो बहुत हूँ फिर भी डरता रहता हूँ,
तेरा दिल बदल न जाये इस डर से तेरी आँखों को पढ़ता रहता हूँ,
रचने वाले ने क्या रचा है तुझे,
हर गली, हर मुहल्ले, हर जुबान पर हैं चर्चे तेरे,
हर जगह बट रहे प्यार के पर्चे मेरे,
पर….
ये पर्चे मेरी मुहब्बत मुझसे छीन न ले, इस बात से डरता रहता हूँ,
तुझे आँखों के सामने रखने की कोशिश करता ही रहता हूँ,
करता ही रहता हूँ……

सुनता हूँ, कई शाहजहां तेरी चाहत में बनवा रहे हैं महले कई,
इन ज़ालिमों ने भी कर दिया मुझे कवि,
हर जगह बस दिख रही बस तेरी छवि,
बस इतना ही कहूँगा……..
“तेरी खूबसूरती का दीवाना हर कोई,
तेरी नज़रों का दीवाना हर कोई,
जब कभी पूछो ज़माने से कुदरत की खूबसूरती क्या है,
तब सिर्फ तेरा नाम बताता हर कोई”

तेरा जब कोई मुझसे पता पूछे तो उसको मैं भटकाता रहता हूँ
तुझे आँखों के सामने रखने की कोशिश

करता ही रहता हूँ……

@Aakash
#akashrahulkarofficial
#WritcoPoemPrompt1

© Akash Rahulkar