...

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मेरी गलती ...

मेरी हां मेरी ही
गलती है जो मै विष
के वास में विश्वास
तलाशती रही .......
जानती थी कच्चे
धागे की तरह टूट चुके हैं रिश्ते
फिर भी उन्हें
अपने प्रेम, समर्पण और , त्याग
से सीचती रही ......
हां मेरी ही गलती है ये
की मै तुम्हारे गुस्से में
तुम्हारा प्यार ढूढती रही
मुझे खुद से माफ़ी मांगनी
चाहिए शायद , मै खुद को
जानबूझ कर दर्द
देती रही ........ और
बेवकूफी तो देखो मेरी
तुम्हे बिना किसी गलती
के sorry sorry कहती
रही .......

हां मेरी ही गलती है ये की
मै खुद से भी ज्यादा
अहमियत तुम्हे देने लगी

तुम्हारे वो बकवास से
चुटकुलों पर भी खिलखिला
कर हंसती रही ........

जब लगी तुम्हारी कोई बात
बुरी मुझे तो मज़ाक मे
टालती रही ..........

हां मेरी ही गलती है ये की
मै तुम्हे अपना हमराज
मानने लगी..........

तुम्हारे साथ अपने
जज़्बात बाटने लगी.....

हां मेरी ही गलती है सब
तुम तो हमेशा की तरह
सही हो .............सही थे
और रहोगे .......🖤

Ruhi .........








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