...

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आओ बिताए कुछ पल
आओ बिताए कुछ पल,
क्या पता रहे हम न कल।
खुला आसमां हो,
खूबसूत जहां हो।
वक़्त भी ऐसे ठहरा हो,
की बीते न वो पल।
सफ़र जिन्दगी का
बिताए संग तेरे।
दिल के एहसासों से
लिखती हूं ग़ज़ल।
आओ बिताए कुछ पल।
ना दुनिया से डरना,
ना हो जहां की फिकर।
संग यादों का बनाए
हम कल।
आओ बिताए कुछ पल,
क्या पता रहे हम न कल।


-@Kavyaprahar