23 views
/ग़ज़ल : ग़लत बात है कि मोहब्बत नहीं है/ बह्र : १२२/१२२/१२२/१२२
122 122 122 122
असल में किसी से मुहब्बत नहीं है
उन्हें दिल लगाने की आदत नहीं है
अभी तो मिले हो अभी जा रहे हो
घड़ी वस्ल की है ये हिजरत नहीं है
ये कहते हुए मैं मुसलसल मरा था
मुझे अपनी चाहत से उल्फ़त नहीं है
उसे यार मत रोक करने दे मन की
वो दीवानगी है वो वहशत नहीं है
बहुत कुछ है खाने को परदेस में पर
मगर बाटी चोखे सी लज़्ज़त नहीं है
वो बाप आज तक था यही कहता आया
कि बेटे से बढ़कर ये दौलत नहीं है
उसी बाप से आज बोला वो बेटा
मुझे अब तुम्हारी ज़रूरत नहीं है
है सरकार जिनकी वो सच कह रहे हैं
जो हम कह रहे हैं, हक़ीक़त नहीं है
जो हम ठान लें काम सारे बनेंगे
कि हमसे बड़ी ये हुकूमत नहीं है
जियूं 'शम्स' जबतक वतन का रहूं मैं
वतन से बड़ी कोई जन्नत नहीं है
हिजरत : विरह
लज़्ज़त : आनंद
वहशत : पागलपन
उल्फ़त : प्यार
#ग़ज़ल #शायरी #Writcoquote #poetry
© 'शम्स'
असल में किसी से मुहब्बत नहीं है
उन्हें दिल लगाने की आदत नहीं है
अभी तो मिले हो अभी जा रहे हो
घड़ी वस्ल की है ये हिजरत नहीं है
ये कहते हुए मैं मुसलसल मरा था
मुझे अपनी चाहत से उल्फ़त नहीं है
उसे यार मत रोक करने दे मन की
वो दीवानगी है वो वहशत नहीं है
बहुत कुछ है खाने को परदेस में पर
मगर बाटी चोखे सी लज़्ज़त नहीं है
वो बाप आज तक था यही कहता आया
कि बेटे से बढ़कर ये दौलत नहीं है
उसी बाप से आज बोला वो बेटा
मुझे अब तुम्हारी ज़रूरत नहीं है
है सरकार जिनकी वो सच कह रहे हैं
जो हम कह रहे हैं, हक़ीक़त नहीं है
जो हम ठान लें काम सारे बनेंगे
कि हमसे बड़ी ये हुकूमत नहीं है
जियूं 'शम्स' जबतक वतन का रहूं मैं
वतन से बड़ी कोई जन्नत नहीं है
हिजरत : विरह
लज़्ज़त : आनंद
वहशत : पागलपन
उल्फ़त : प्यार
#ग़ज़ल #शायरी #Writcoquote #poetry
© 'शम्स'
Related Stories
46 Likes
34
Comments
46 Likes
34
Comments