भोजपुरी लोकगीत
जा तर परदेश पिया
बोलिह जनि तू ढेर पिया
तनी मनी देख लिह तू रील पिया
बाकि काम करीह तू ढेर पिया
ट्वीटर पर लिखिह कम पिया
ना त पहुंच जईब ससुरारी पिया
फिर ससुर जी तोहार जाए दिहन
चल जाई घर पर बुलडोजर पिया
घर जाई त धन जाई धन जाई त इज्जत
इज्जत गइल त फिर ना आई केतनो
परिश्रम करब पिया ।
पंडित जी कहले रहनन केश के बनत बा
ईगो योग पिया
बाचल रहब त ना होई कवनो कष्ट पिया
भले कमइब दू पैसा कमे पिया
बोलिह जनि तू ढेर पिया
तनी मनी देख लिह तू रील पिया
बाकि काम करीह तू ढेर पिया
ट्वीटर पर लिखिह कम पिया
ना त पहुंच जईब ससुरारी पिया
फिर ससुर जी तोहार जाए दिहन
चल जाई घर पर बुलडोजर पिया
घर जाई त धन जाई धन जाई त इज्जत
इज्जत गइल त फिर ना आई केतनो
परिश्रम करब पिया ।
पंडित जी कहले रहनन केश के बनत बा
ईगो योग पिया
बाचल रहब त ना होई कवनो कष्ट पिया
भले कमइब दू पैसा कमे पिया