बताओ करोगी क्या?
बहोत सुकून है तुम्हारी आँखों में,
थोडी जगह उनमें दोगी क्या ?
मैं हर रोज तूफान से लड़ता हूं,
मेरी जिरह तुम बनोगी क्या ?
ओढ़ रखा...
थोडी जगह उनमें दोगी क्या ?
मैं हर रोज तूफान से लड़ता हूं,
मेरी जिरह तुम बनोगी क्या ?
ओढ़ रखा...