मम्मी पापा आप ना होते तो क्या होता
ना पसंद आते ये फूलो के बगीचे,
ना पसंद आता महलो सा आराम,
धरती, अम्बर, चाँद, सितारे,
इतना सुंदर हमारे लिए ना ये ज़मा होता,
मम्मी पापा आप ना होते तो क्या होता।
कपड़े पहने है इतने अच्छे,
रहनेको घर मिला है इतना अच्छा,
हाथो में ना होती ये घड़ी,
पेरो में ना होते इतने अच्छे झूठे,
जो मांगा वो ना झटसे मिला होता,
मम्मी पापा आप ना होते तो क्या होता।
किसी से बात करना ना आता हमें,
कहीं बाहर रह पाना ना आता हमें,
सुनी सी लगती ये...
ना पसंद आता महलो सा आराम,
धरती, अम्बर, चाँद, सितारे,
इतना सुंदर हमारे लिए ना ये ज़मा होता,
मम्मी पापा आप ना होते तो क्या होता।
कपड़े पहने है इतने अच्छे,
रहनेको घर मिला है इतना अच्छा,
हाथो में ना होती ये घड़ी,
पेरो में ना होते इतने अच्छे झूठे,
जो मांगा वो ना झटसे मिला होता,
मम्मी पापा आप ना होते तो क्या होता।
किसी से बात करना ना आता हमें,
कहीं बाहर रह पाना ना आता हमें,
सुनी सी लगती ये...