...

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अँधेरा
अकेले रहने से अब तुम्हें दर क्यू नहीं लगता,
किसी के साथ ना होने पर अब कोई मलाल क्यू नहीं लगता,

अंधेरे से मोहब्बत करने लगे हो,
रोशनी से कतराने लगे हो,
वोह जो अब पास नहीं उसे ढूँढ रहे हो,
वोह जो आस-पास है उससे दूर जा रहे हो,

मोहब्बत करने के लिए तुम्हें बाहर आना होगा,
लोगों से दूर नहीं उनसे करीब होना होगा,
हाथ थामना होगा,
साथ निभाना होगा,
भूख चाहे ना भी लगी हो पर उनके खातिर दो निवाले खाना होगा,
दुख में भी मुस्कराना होगा,
दर्द में भी खिलखिलाना होगा,
जो अगर तुम नाराज भी हो उनसे,
तो तुम्हें उन्हें मानना होगा,
प्यार ऐसे भी जताना होगा।


© M.Ma$T3r | Ig-@mijaaz_1