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कहीं दूर जब दिन ढल जाए,,
कहीं दूर जब दिन ढल जाए,
मन की बाते कोई समझ न पाए,,
मुझे देख कर सब नज़रे चुराए,
पुरानी बातें सब याद दिलाएं,,
कैसे कोई मुझे समझाए,,
इस दुनिया की रीत कोई बदल ना पाए,,
खाली हाथ आए थे सब,
खाली हाथ हो वापस चले जाए,,
बस कर भाई जब नही हो रहा
बेवजह क्यों लिखता जाए।।
मन की बाते कोई समझ न पाए,,
मुझे देख कर सब नज़रे चुराए,
पुरानी बातें सब याद दिलाएं,,
कैसे कोई मुझे समझाए,,
इस दुनिया की रीत कोई बदल ना पाए,,
खाली हाथ आए थे सब,
खाली हाथ हो वापस चले जाए,,
बस कर भाई जब नही हो रहा
बेवजह क्यों लिखता जाए।।
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